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Showing posts from December, 2021

"कोरोना" और "एशियाई लोगों के साथ नस्लीय भेदभाव "

  कोरोना के समय में वैश्विकस्तर पर एशियाई लोगों के साथ नस्लीय भेदभाव https://www.hrw.org/sites/default/files/media_2021/02/202102us_protest_oklahoma.jpg एशिया के एक देश, चीन के वुहान शहर से कोरोना वायरस की उत्पत्ती मानी जाती है। इस वजह से दुनिया के अन्य देशों के लोगों द्वारा एशियाई लोगों के साथ नस्लीय भेदभाव किया जा रहा है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंम्प की बयानबाजी ने कोरोना वायरस को “ चीन वायरस ” बताया, जिसने अंतराष्ट्रीय सुर्खियां बटोरीं। विशेषज्ञों का कहना है कि भड़काऊ टिप्पणियों ने सोशल मीडिया और वास्तविक जीवन में नफरत फैलाने में मदद की। एशियाई समुदायों को लक्षित करने वाले घृणा अपराधों या नस्लीय भेदभाव में वैश्विक वृद्धि की कई घटनाएं सामने आ रही है। पिछली गर्मियों में इटली,रूस और ब्राजील में हयूमन राइट्स वॉच द्वारा दिए गए रिपोर्टों में एशियाई विरोधी भेदभाव और जेनोफोबिया से जुड़े कई मामले सामने आए हैं। न्यूजीलैंड में, न्यूजीलैंड मानवाधिकार आयोग द्वारा पिछले महीने जारी किए गए एक शोध में पाया गया कि 54 प्रतिशत चीनियों ने शुरूआत के बाद नस्लीय भेदभाव का सामना किया था। य...

“मीड डे मील” और" बच्चों की सेहत"

https://new-img.patrika.com/upload/2020/01/09/middaymeal_6403504_835x547-m.jpg   सरकारी स्कूल में फूड पैकेट बांटने का टेंडर रद्द, बच्चों को मिलेंगे पैसे झारखण्ड राज्य  के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को “ मीड डे मील ” (एम.डी.एम) का फूड पैकेट देने का टेंडर तत्काल प्रभाव से पूर्णत : रद्द कर दिया गया है। इसके बदले बच्चों को “ कुकिंग कोस्ट ” (खाना के बदले पैसा) देने की तैयारी की जा रही है। कुकिंग कोस्ट में चावल के अलावा दाल, नमक, तेल मसाला सब्जी आदि के हिसाब से राशि दी जाएगी। यह राशि प्रतिदिन एक छात्र पर लगभग 5 रुपये(कक्षा एक-पाँच तक) और   लगभग  8  रुपये (कक्षा छ : -आठ तक) के हिसाब से छात्र-छात्राओं को दिया जाएगा ।  इसके अलावा 28 दिसम्बर तक बच्चों को पोशाक, स्वेटर और जूता-मौजा देने के लिए 217 करोड़ रुपयों  का आबंटन किया गया है। इस संबंध में स्कूली शिक्षा एंव साक्षरता विभाग के सचिव राजेश शर्मा ने सभी स्वयंसेवी समूहों को आदेश दिया है कि पोशाक उपलब्ध न कराए जाने पर बच्चों के बैंक खाते में राशि ट्रांसफर की जाएगी। ऐसे में सवाल उठता है कि सरक...

मानवाधिकार स्पेशल

क्या    यूएपीए  मानवाधिकारों का हनन कर रहा है?  सौजन्य : गूगल 10 दिसम्बर यानि अंतराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस मतलब दुनिया में रहने वाले हर इंसान के अधिकार का दिन। विश्व के लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने और वैश्विक स्तर पर मानवता के खिलाफ हो रहे जुल्मों-सितम पर रोक लगाने के उद्देश्य से हर वर्ष यह दिवस मनाया जाता है। मानवाधिकारों का निर्माण इसलिए हुआ ताकि हर इंसान सुरक्षित महसूस कर सके, स्वतंत्रता से जीवन व्यतीत कर सके, भेदभाव से दूर रहे और बिना किसी हिंसा के शांतीपूर्ण जीवन बिता सके। लेकिन वर्तमान समय में जिस तरह गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम(यूएपीए) के तहत गिरफ्तारियां हो रही हैं, सवाल उठता है कि भारत सरकार का यह कानून मानवाधिकारों की कितनी रक्षा करता है? क्या यूएपीए कानून का दुरूपयोग किया जा रहा है?  राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो(एनसीआरबी) की रिपोर्ट के अनुसार 2016-2019 के बीच यूएपीए की विभिन्न धाराओं के तहत कुल 4,231 प्राथमिकी दर्ज की गई। जिसमें से केवल 112 म...

देश की तीसरी सबसे बड़ी जनजातियों (संथाल) का धार्मिंकस्थल

  लुगूपहाड़ की सैर झारखण्ड के संथाल जनजातियों के बारे में जानने के लिए,मैं घर से निकली और पहुँची लुगूपहाड़। रांची से 115 कीलोमीटर दूर बोकारो जिले की ललपनिया में स्थित लुगूबुरू घंटाबाड़ी धोड़ोमगढ़ , संथाल जनजातियों का पवित्र धर्मिकस्थल है जो पहाड़ी पर स्थित है। ये पहाड़ी झारखण्ड की दुसरी सबसे बड़ी पहाड़ी श्रृंखला है। दामोदर नदी और छोटी पहाड़ियों से घिरी ये जगह काफी खूबसूरत है,जो घने जंगलों और पहाड़ी नदियों से सजी है। दूर से देखने पर सिर्फ जंगल दिखता है,पर पास जाने पर यहां की चट्टानें कुछ नई बातें ही बताते है। कुछ चट्टानें पेड़ के जड़ तो कुछ लहरों की आकृती धारण किए हुए हैं। पहाड़ों पर चट्टानों की ये कलाकृती सचमुच अद्भुत है। लुगूबुरू घंटाबाड़ी धोड़ोमगढ़ की यात्रा तलहटी से शुरू होकर 7 किमी की चढ़ाई के बाद धीड़ी –धड़ान पर खत्म होती है।तो आइए सफर शुरू करते है और जानते हैं लुगूपहाड़ से जुड़ी कुछ रोचक बातें। सागुन दराम अर्थात आपका स्वागत है। वर्ष 2000 से हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर यहां अंतराष्ट्रीय संथाल सरना धर्मसम्मेलन का दो दिवसीय राजकीय महोत्सव आयोजित किया जाता है।इस राजकीय म...