भारत के विकास में प्रवासी
भारतीयों के योगदान को चिन्हित करने, उनकी भावनाओं को विस्तार देने और विदेशो में श्रमिकों के श्रम संबंधी कठिनाइयों को समझने व उन्हें दूर करने
की कोशिश के लिए एक मंच के रुप में प्रतिवर्ष 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस
मनाया जाता है।
9 जनवरी को ही क्यो मनाया जाता है ?
9 जनवरी 1915, यहीं वो
तारीख है जब महात्मा गाँधी, दक्षिण अफ्रिका से भारत वापस लौटे। अपने देश से दूर,
पराए देश में 22 वर्षों की लम्बी समयावधि तक रहने के कारण महात्मा गाँधी को भारत के सबसे
बड़े प्रवासियों में से एक माना जाता है।
18वीं शताब्दी में गुजराती व्यापारी बहुत सारे देशों में मसलन
केन्या, युगांडा, जिम्बाबे और दक्षिण अफ्रिका
इत्यादि देशों में गए। इन्हीं गुजराती व्यापारियों में से एक थे दादा
अब्दुला सेठ, जिनके कानूनी प्रतिनिधि के रुप में गाँधीजी 1893 में दक्षिण अफ्रिका के नटाल(वहां का एक प्रांत) में
पहुंचे। वहां उन्होने मानवों के हक के लिए संघर्ष किया और उसमें
सफलता भी प्राप्त की।
ये तो हो गई ऐतिहासिक पृष्टभूमि अब बात करते है वर्तमान की
दुनिया के अलग-अलग देशों में प्रवासी भारतीयों
की संख्या
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष
2020 में करीब 1.8 करोड़ भारतीय अपने देश से दूर, दुनिया के अलग-अलग देशों में
रहते है। इसी क्रम में सबसे ज्यादा 35 लाख संयुक्त अरब अमीरात में, 27 लाख अमेरिका
में और 25 लाख सऊदी अरब में रहते है। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, कुवैत, ओमान,
पाकिस्तान कतर और ब्रिटेन में भी भारतीय प्रवासियों की संख्या काफी है। इसलिए भारतीय
प्रवासियों को “सबसे ज्यादा विविधता और जीवंतता” वाला समुदाय कहा जाता है।
इतनी बड़ी आबादी देश से दूर
रहती है, इसी बात को ध्यान में रखते हुए सन् 2000 में डॉ0 लक्ष्मी मल सिंघवी की
अध्यक्षता में एक कमिटी गठित की गई, और उस कमिटी की रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने
तय किया कि हमें प्रवासी भारतीय दिवस मनाना चाहिए।
प्रवासी भारतीयों की भूमिका
प्रवासी भारतीयों की देश के
विकास में महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। पिछले साल के आँकड़ों को देखे तो 70-75 अरब
डॉलर का योगदान उन्हीं(प्रवासी भारतीयों) का था। दुनियाभर में करीब 2.5 करोड़ के
आस-पास प्रवासी भारतीय डायसपोरा (DIASPORA) अलग-अलग देशों में रहते है। इनमें से कुछ देश ऐसे
है जहां 5 लाख से ज्यादा प्रवासी भारतीय बसते है और वो वहां की आर्थिक एंव
राजनीतिक दशा-दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
भारतीय डायसपोरा-
बिजनेसमैन, शिक्षक, डॉक्टर, वैज्ञानिक और बहुत सारी भूमिकाओं में दुनिया को, समाज
को बेहतर बनाने में योगदान दे रहें हैं। भारत के लिए भारतीय डायसपोरा एक तरह से दुनिया
में SOFTPOWER के
रुप में भारत को स्थापित करने का एक माध्यम है। जिससे दुनिया के बाकी देशों में भी भारत की संस्कृति और जीवनशैली
के प्रति आकर्षण पैदा किया जा सके।
भले ही आज करोड़ो भारतीय
अपने देश से दूर है पर उनके दिल में भारत बसता है। तब ही तो अपने देश के
प्रधानमंत्री ,नरेंद्र मोदी के भाषणों को सुनने के लिए लाखों लोग बढ़-चढ़ कर
हिस्सा लेते है, चाहे वो अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इटली और ब्रिटेन ही क्यों न हो। भारतीय प्रवासी देश और दुनिया के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
Shandar... To the point, बनावटी शब्दों से परे.. एकदम एक पत्रकार की तरह। तथ्य सरल भाषा में.. समझने योग्य। कुल मिलाकर एक तथ्यात्मक लेख कुशल लेखक के द्वारा। 👍👍💐💐
ReplyDeleteधन्यवाद आपका
Delete👍
ReplyDelete���👍👍👍���
ReplyDeleteThanks vinay
Delete👌👌👌👍
ReplyDelete